बेनीपुर विधानसभा क्षेत्र दरभंगा जिले के पूर्वी हिस्से में स्थित है. यह सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित सीट है. इस सीट का गठन 1967 में हुआ था और इसके बाद तीन विधानसभा चुनाव लड़े गए. बाद में इसे समाप्त कर दिया गया, लेकिन 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद इसे पुनः अस्तित्व में लाया गया. इसके बाद से यहां तीन और चुनाव हुए हैं. अब तक कुल छह विधानसभा चुनाव इस क्षेत्र में संपन्न हो चुके हैं. बेनीपुर विधानसभा क्षेत्र में बेनीपुर, बहेरी और बिरौल प्रखंड शामिल हैं। यह सीट दरभंगा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है.
बेनीपुर अर्ध-शहरी इलाका है, जहां छोटे कस्बों और ग्रामीण बस्तियों का मिश्रण देखने को मिलता है. यह क्षेत्र सड़क और रेल मार्ग से उत्तर-मध्य और पूर्वी बिहार के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है. दरभंगा जिला मुख्यालय बेनीपुर से लगभग 30 किमी पश्चिम में स्थित है. मधुबनी 37 किमी उत्तर में, समस्तीपुर 54 किमी दक्षिण में और रोसड़ा 45 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है. मुजफ्फरपुर (97 किमी उत्तर-पश्चिम), मुंगेर (81 किमी दक्षिण) और पटना (122 किमी दक्षिण-पश्चिम) जैसे बड़े वाणिज्यिक और ऐतिहासिक शहर भी पास में हैं.
यह क्षेत्र उपजाऊ और समतल है, जहां धान, गेहूं, मक्का और दालों की खेती होती है. उद्योग-धंधे का अभाव है और अधिकांश आर्थिक गतिविधियां अनौपचारिक हैं. रोजगार के अवसरों की कमी के कारण यहां के युवा अक्सर दूसरे राज्यों और शहरों में पलायन करते हैं.
2020 विधानसभा चुनाव में बेनीपुर सीट पर कुल 2,89,224 पंजीकृत मतदाता थे. इनमें 44,078 (15.24%) अनुसूचित जाति और 39,623 (13.70%) मुस्लिम मतदाता शामिल थे. यादव मतदाताओं की संख्या 34,706 (12%) थी. हालांकि ब्राह्मण मतदाताओं की सटीक संख्या उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह सीट ब्राह्मण बहुल है. यही कारण है कि अब तक यहां से चुने गए सभी पांच विधायक ब्राह्मण समुदाय से रहे हैं. 2024 लोकसभा चुनाव तक पंजीकृत मतदाताओं की संख्या बढ़कर 3,01,342 हो गई. मतदान प्रतिशत सामान्यतः 55-60% के बीच रहा है.
2015 से यह सीट जेडीयू के कब्जे में है. 2015 में सुनील चौधरी ने बीजेपी के गोपाल जी ठाकुर को 26,443 वोटों से हराया था. 2020 में जेडीयू के बिनय कुमार चौधरी ने कांग्रेस प्रत्याशी मिथिलेश कुमार चौधरी को 6,590 वोटों से पराजित किया. इस बार कम अंतर से जीतने की एक बड़ी वजह लोजपा प्रत्याशी का मैदान में होना था, जिसने 17,616 वोट (10.08%) हासिल किए. 2010 में यह सीट बीजेपी के गोपाल जी ठाकुर ने राजद के हरे कृष्ण यादव को हराकर जीती थी.
संसदीय चुनावों में बेनीपुर से बीजेपी का दबदबा कायम रहा है. 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यहां से 30,342 वोटों की बढ़त मिली, हालांकि यह 2019 की तुलना में कम रही. जेडीयू के पास वर्तमान में सीट है, जबकि बीजेपी संसदीय क्षेत्र में मजबूत है. एनडीए गठबंधन को 2025 के चुनाव में बेनीपुर सीट को लेकर कोई बड़ी चुनौती दिखती नहीं है, खासकर तब जब लोजपा फिर से एनडीए में शामिल हो चुकी है. हालांकि संभावना है कि इस बार बीजेपी खुद इस सीट पर दावा कर सकती है. दूसरी ओर, राजद-गठबंधन को यहां पारंपरिक मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण से आगे बढ़कर रणनीति बनानी होगी, क्योंकि इनका संयुक्त मत प्रतिशत केवल 25.70% है, जो एनडीए को चुनौती देने के लिए पर्याप्त नहीं माना जा रहा.
(अजय झा)
Mithilesh Kumar Choudhary
INC
Kamal Ram Vinod Jha
LJP
Ram Kumar Jha
IND
Rajeev Kumar
RLSP
Nota
NOTA
Sanjeet Kumar
IND
Saguni Ray
IND
Nathuni Ram
WAP
Rajesh Kumar Mishra
JAP(L)
Ranjeet Kumar Jha
IND
Manoj Kumar
IND
Sanjeev Jha
SHS
Mithlesh Yadav
IND
Md. Qamrul Hoda
IND
सासाराम से राजद उम्मीदवार सत्येंद्र साह को नामांकन के बाद झारखंड के 2004 के डकैती मामले में आरोपी होने के कारण गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने उन्हें झारखंड कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाया है.
बिहार चुनाव में विपक्षी एकजुटता में गड़बड़ी दिखाई देने लगी है. महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर तालमेल बिगड़ता नजर आ रहा है. अब तक 9 सीटों पर सहयोगी दल एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में अपने उम्मीदवार उतार चुके हैं.
बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है. चुनावी तैयारियों में वीआईपी पार्टी ने भी अपनी रणनीति साफ कर दी है. पार्टी ने 15 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है.
भोजपुरी स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने काराकाट सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर राजनीति में कदम रख दिया है. उनके मैदान में उतरने से भोजपुरी इंडस्ट्री में हलचल मच गई है. बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की 122 सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया आज पूरी हो गई.
बिहार में महागठबंधन के भीतर सीटों को लेकर तनातनी चरम पर पहुंच गई है, जिसमें आरजेडी, कांग्रेस और पप्पू यादव प्रमुख चेहरे हैं. कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने कहा है कि आरजेडी गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रही है और इसीलिए कांग्रेस को गठबंधन तोड़ देना चाहिए. दरअसल, आरजेडी ने अपने कोटे की सभी 143 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं, जिनमें 25 महिलाएं भी शामिल हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव में नामांकन के आखिरी दौर में महागठबंधन के भीतर टिकट बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है. कांग्रेस और आरजेडी समेत सहयोगी दल करीब 11 सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ ही ताल ठोक रहे हैं, जिससे गठबंधन की तैयारियों और एकता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.
बिहार चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपनी नई लिस्ट जारी की है. इसमें 6 नाम शामिल हैं. कांग्रेस ने पहली लिस्ट 17 अक्टूबर को जारी की थी, इसमें 48 उम्मीदवारों का ऐलान किया गया था. जबकि दूसरी लिस्ट में 1, तीसरी में 5 कैंडिडेट्स की घोषणा की गई. बाद में सुपौल सीट के लिए एक और प्रत्याशी के नाम का ऐलान किया.
पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव राघोपुर से चुनाव लड़ेंगे, जबकि चंद्रशेखर को मधेपुरा से टिकट मिला है. बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को मोकामा से प्रत्याशी बनाया गया है, वहीं उदय नारायण चौधरी झाझा से उम्मीदवार हैं.
बिहार में कांग्रेस की लिस्ट आते ही सियासी घमासान मच गया है. कांग्रेस के मौजूदा विधायक के टिकट काटने और टिकट बंटवारे में धांधली के आरोप राहुल गांधी के उन सिपहसालारों पर लग रहे हैं, जिनके ऊपर बिहार में कांग्रेस का पूरा दारोमदार टिका हुआ था.
आर.के. सिंह की इस लिस्ट में मोकामा से JDU के बाहुबली अनंत सिंह और RJD की वीणा देवी का नाम है. RJD से शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा और JDU से नवादा की विभा देवी भी शामिल हैं.