बिहार के जमुई जिले में स्थित झाझा एक प्रखंड है, जो झारखंड की सीमा के बिल्कुल निकट स्थित है. ऐतिहासिक दृष्टिकोण से झाझा की जानकारी सीमित है, लेकिन ब्रिटिश काल में यह हावड़ा-मुगलसराय (अब पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन) रेलवे मार्ग पर एक महत्वपूर्ण स्टेशन हुआ करता था. उस समय यहां भाप इंजनों के लिए एक बड़ा लोको शेड था. लेकिन जब रेलवे पटरियों का विद्युतीकरण हुआ, तो झाझा की यह महत्ता धीरे-धीरे घट गई.
आज झाझा अपनी प्राकृतिक सुंदरता, जैव विविधता और हरियाली के लिए जाना जाता है. इसके एक ओर झारखंड की पहाड़ियां फैली हुई हैं, जो इसके सौंदर्य को और निखारती हैं.
झाझा की भौगोलिक स्थिति इसे कई पक्षी अभयारण्यों के पास होने का लाभ देती है. विशेष रूप से नागी डैम और नकटी डैम अभयारण्य यहां के आकर्षण का केंद्र हैं. यह दोनों संरक्षित क्षेत्र पहाड़ी चट्टानों के बीच स्थित हैं, जहां गहरे जलाशय और स्वच्छ जल प्रवाह देखने को मिलता है. इन जल स्रोतों से न केवल वन्य जीवों की जरूरतें पूरी होती हैं, बल्कि आस-पास के किसानों की खेती के लिए भी यह संजीवनी साबित होते हैं. यहां की उपजाऊ जमीन कृषि को मुख्य व्यवसाय बनाती है, जिस पर अधिकांश जनसंख्या निर्भर है.
जैसे झाझा जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है, वैसे ही इसकी राजनीति भी बहुरंगी रही है. 1951 में विधानसभा क्षेत्र बनने के बाद से झाझा ने लगभग हर बड़ी पार्टी को मौका दिया है. अब तक 18 चुनावों (एक उपचुनाव सहित) में यहां से आठ अलग-अलग दलों के प्रतिनिधि चुने जा चुके हैं. कांग्रेस ने यहां सात बार, जनता दल (यूनाइटेड) और उसकी पूर्ववर्ती समता पार्टी ने पांच बार, समाजवादी पार्टी और संयुक्त समाजवादी पार्टी ने तीन बार, जबकि जनता पार्टी, जनता दल और भाजपा ने एक-एक बार जीत हासिल की है.
2020 के विधानसभा चुनाव में राजद ने झाझा में अपनी पहली जीत के बेहद करीब पहुंचकर भी हार झेली. राजद प्रत्याशी राजेन्द्र प्रसाद केवल 1,679 वोटों से जदयू के दामोदर रावत से हार गए. दिलचस्प बात यह रही कि 2024 के लोकसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास) के अरुण भारती, जो जमुई से सांसद चुने गए, उन्होंने झाझा विधानसभा क्षेत्र में 7,615 मतों की बढ़त हासिल की.
झाझा सामान्य वर्ग की सीट है. यहां अनुसूचित जातियों की जनसंख्या लगभग 15.85%, अनुसूचित जनजातियों की 4.42% और मुस्लिम समुदाय की लगभग 11.2% है. मतदाता संरचना में ग्रामीण वोटर स्पष्ट रूप से हावी हैं. कुल मतदाताओं का 88.89% ग्रामीण क्षेत्रों से आता है, जबकि मात्र 11.11% शहरी मतदाता हैं.
2020 के विधानसभा चुनाव में झाझा में 3,16,049 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें से 61.58% ने मतदान किया. 2024 में यह संख्या बढ़कर 3,41,013 हो गई.
अगर 2024 के लोकसभा चुनावों का रुझान कुछ संकेत देता है, तो राजद को झाझा में जीत दर्ज करने के लिए केवल प्रयास नहीं, बल्कि एक ठोस रणनीति और जनसमर्थन की जरूरत होगी.
(अजय झा)
Rajendra Prasad
RJD
Vinod Pd Yadav
BSP
Rabindra Yadav
LJP
Nota
NOTA
Rahul Kumar Singh
IND
Vijay Kumar
IND
Vinod Kumar Sinha
IND
Ajeet Kumar
JMM
Pankaj Thakur
IND
Mukesh Kumar Yadav
IND
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच सासाराम में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रत्याशी सत्येंद्र शाह को उनके नामांकन के ठीक बाद गिरफ्तार कर लिया गया है. यह गिरफ्तारी झारखंड के गढ़वा में 2004 के एक डकैती मामले में जारी वारंट के सिलसिले में हुई है. इस गिरफ्तारी के बाद आरजेडी और उनके समर्थकों में हड़कंप मच गया है, और उन्होंने पुलिस की कार्रवाई का विरोध भी किया.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का चुनावी दंगल तेज़ हो गया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव प्रमुख चेहरे हैं. एनडीए ने महिलाओं को 10-10 हजार रुपये और जीएसटी में राहत जैसे वादे किए हैं, जबकि तेजस्वी यादव हर परिवार को एक सरकारी नौकरी देने के वादे पर कायम हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार में चार दीपावली मनाने का दावा किया है. नीतीश कुमार दसवीं बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाने की कोशिश में हैं, वहीं तेजस्वी यादव, चिराग पासवान और अन्य छोटे दल चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर रहे हैं.
बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर, विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन के आखिरी दिन महागठबंधन में दरार खुलकर सामने आ गई है. तेजस्वी यादव की आरजेडी और कांग्रेस पार्टी नौ सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं, जिससे गठबंधन का भविष्य दांव पर लग गया है.
बिहार विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है और पहले चरण के लिए नाम वापसी की समय सीमा भी खत्म हो गई है, जिससे चुनावी रण की तस्वीर लगभग साफ हो गई है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने 143 उम्मीदवारों की एकतरफा सूची जारी कर दी है, जिससे कांग्रेस समेत अन्य सहयोगी दल नाराज हैं.
सासाराम से राजद उम्मीदवार सत्येंद्र साह को नामांकन के बाद झारखंड के 2004 के डकैती मामले में आरोपी होने के कारण गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस टीम उन्हें झारखंड कोर्ट में पेश करने के लिए अपने साथ ले गई.
बिहार विधानसभा चुनाव में नामांकन वापसी के आखिरी दिन से पहले सियासत गरमा गई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप के बाद एनडीए के कई बागी उम्मीदवारों ने अपना पर्चा वापस ले लिया है, जिसमें पटना साहिब और बक्सर जैसी महत्वपूर्ण सीटें शामिल हैं.
बिहार चुनाव में विपक्षी एकजुटता में गड़बड़ी दिखाई देने लगी है. महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर तालमेल बिगड़ता नजर आ रहा है. अब तक 8 सीटों पर सहयोगी दल एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में अपने उम्मीदवार उतार चुके हैं.
बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है. चुनावी तैयारियों में वीआईपी पार्टी ने भी अपनी रणनीति साफ कर दी है. पार्टी ने 15 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है.
भोजपुरी स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने काराकाट सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर राजनीति में कदम रख दिया है. उनके मैदान में उतरने से भोजपुरी इंडस्ट्री में हलचल मच गई है. बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की 122 सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया आज पूरी हो गई.
बिहार में महागठबंधन के भीतर सीटों को लेकर तनातनी चरम पर पहुंच गई है, जिसमें आरजेडी, कांग्रेस और पप्पू यादव प्रमुख चेहरे हैं. कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने कहा है कि आरजेडी गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रही है और इसीलिए कांग्रेस को गठबंधन तोड़ देना चाहिए. दरअसल, आरजेडी ने अपने कोटे की सभी 143 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं, जिनमें 25 महिलाएं भी शामिल हैं.