1995 से पहले, राघोपुर बिहार के राजनीतिक नक्शे पर एक अपेक्षाकृत अनजान क्षेत्र था, हालांकि यह विधानसभा क्षेत्र 1951 से अस्तित्व में था. लेकिन लालू प्रसाद यादव द्वारा सोनपुर सीट छोड़कर, जहां से उन्होंने 1980 और 1985 में जीत हासिल की थी, राघोपुर से चुनाव लड़ने का फैसला इस क्षेत्र को राजनीतिक सुर्खियों में ले आया.
हालांकि राघोपुर पहले भी यादव बहुल क्षेत्र था और आज भी है, लेकिन लालू प्रसाद यादव का इससे पहले कोई सीधा जुड़ाव नहीं था. यह क्षेत्र वैशाली जिले की हाजीपुर लोकसभा सीट के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है, जबकि लालू प्रसाद यादव मूल रूप से सारण जिले के रहने वाले हैं.
राघोपुर का गौरवशाली इतिहास रहा है कि इसने दो मुख्यमंत्री - लालू प्रसाद यादव (1995 और 2000) और उनकी पत्नी राबड़ी देवी (2000 उपचुनाव और दो बार 2005 में) - और एक उपमुख्यमंत्री, उनके पुत्र तेजस्वी यादव (2015 और 2020) को चुना है.
2010 के झटके को छोड़कर, जब जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार सतीश कुमार यादव ने राबड़ी देवी को हरा दिया था, राघोपुर ने हमेशा लालू प्रसाद यादव के परिवार के प्रति वफादारी दिखाई है. लेकिन इस वफादारी के बावजूद, राघोपुर की स्थिति और किस्मत में कोई खास बदलाव नहीं आया है. यह क्षेत्र आज भी विकास की मुख्यधारा से कटा हुआ है और हर साल लगभग छह महीने तक बाकी दुनिया से अलग-थलग रहता है.
भौगोलिक रूप से, राघोपुर बिहार की राजधानी पटना के अधिक करीब है, बजाय इसके कि यह वैशाली जिले के मुख्यालय हाजीपुर के नजदीक हो. राघोपुर के निवासियों को पटना पहुंचने के लिए लगभग डेढ़ किलोमीटर चौड़ी गंगा नदी को पार करना पड़ता है, जिसके लिए उन्हें देसी नावों पर निर्भर रहना पड़ता है. पहले यह परेशानी पूरे साल बनी रहती थी, लेकिन बिहार सरकार द्वारा एक पॉन्टून पुल (अस्थायी पुल) बनाने से स्थिति थोड़ी बेहतर हुई. हालांकि, गंगा के जलस्तर में वृद्धि होते ही इस पुल को हटा दिया जाता है.
मूलभूत सुविधाओं और विकास की कमी के कारण, राघोपुर की साक्षरता दर बिहार के सबसे कम साक्षरता दर वाले क्षेत्रों में से एक है- मात्र 39 प्रतिशत. यह पूरी तरह से ग्रामीण क्षेत्र है, जहां कोई शहरी क्षेत्र नहीं है.
दिलचस्प बात यह है कि राघोपुर ने दो मुख्यमंत्रियों और एक उपमुख्यमंत्री के अलावा तीन केंद्रीय मंत्रियों को भी चुना है. राम विलास पासवान, उनके पुत्र चिराग पासवान और उनके छोटे भाई पशुपति कुमार पारस हाजीपुर से सांसद चुने गए और केंद्रीय मंत्री बने. इसके बावजूद, राघोपुर को उसके निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा लगातार उपेक्षित किया गया है.
यादव समुदाय की 31 प्रतिशत से अधिक मतदाता संख्या को देखते हुए, यह माना जाता है कि लालू प्रसाद यादव ने इस सीट को चुना था. क्षेत्र में उच्च अशिक्षा दर और गरीबी भी ऐसे कारक थे, जिनके कारण राघोपुर के मतदाता लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक रणनीतियों से प्रभावित होते रहे.
यादव मतदाताओं के अलावा, 18.56 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 3.3 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता पारंपरिक रूप से लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार का समर्थन करते आए हैं, जिससे यह सीट उनके लिए सुरक्षित बनी रही. 2010 को छोड़कर, जब सतीश कुमार यादव ने राबड़ी देवी को 13,000 से अधिक मतों से हराया था, राघोपुर ने हमेशा लालू परिवार का समर्थन किया है. तेजस्वी यादव ने भी अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत इसी क्षेत्र से की और मतदाताओं ने उन्हें लगातार समर्थन दिया, इस उम्मीद में कि वे मुख्यमंत्री बनकर क्षेत्र का विकास करेंगे. लेकिन अब तक उनकी एकमात्र उपलब्धि केवल अस्थायी पॉन्टून पुल का निर्माण रहा है, जिससे स्थानीय लोगों में उनके प्रति असंतोष बढ़ रहा है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, जो खुद यादव समुदाय से आते हैं और वैशाली जिले के निवासी हैं, पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि भाजपा आगामी बिहार चुनाव में राघोपुर सीट पर दावा करेगी.
2020 के चुनावों में यादव मतदाताओं की संख्या 1.30 लाख थी, जो इस सीट पर दबदबा बनाए रखते हैं. इसके अलावा, लगभग 40,000 राजपूत, 22,000 मुस्लिम और 18,000 पासवान मतदाता भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
2025 में होने वाले बिहार चुनावों में राघोपुर एक बार फिर चर्चा में रहने वाला है, क्योंकि तेजस्वी यादव को अपने खराब ट्रैक रिकॉर्ड के कारण कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है. 1 जनवरी 2024 तक, इस विधानसभा क्षेत्र में 3,45,163 मतदाता थे, हालांकि 2025 के लिए अद्यतन मतदाता सूची का अभी इंतजार है.
(अजय झा)
Sathish Kumar Yadav
BJP
Rakesh Raushan
LJP
Nota
NOTA
Rajeshwar Ray
IND
Sameer Raja Yadav
JAP(L)
Ramswaroop Ray
IND
Raju Kumar
IND
Meghanath Paswan
IND
Rajesh Raushan
BMP
Madhu Sudhan Paswan
IND
Nathu Bhagat
IND
Jaymala Devi
SHS
Aun Ray
IND
Paramhans Singh
AMJP(S)
बिहार चुनाव से पहले 'हल्ला बोल' में राजनीतिक घमासान तेज़ हो गया है, जहाँ महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है. चर्चा के केंद्र में तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार और वीआईपी के मुकेश सहनी रहे.
जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा चुनाव खुद ना लड़ने का फैसला किया है. उन्होंने इस निर्णय के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि वे सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं. उन्होंने बिहार में दशकों बाद पहली बार त्रिकोणीय मुकाबला होने की बात कही.
बिहार चुनाव से पहले जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने अपनी रणनीति और बयानों से राजनीतिक चर्चाओं को तेज कर दिया है. प्रशांत किशोर ने बताया कि उन्होंने स्वयं चुनाव न लड़ने का फैसला इसलिए किया ताकि वे लगभग 40 अन्य विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार कर सकें. उन्होंने जनता के सामने दो विकल्प रखे, एक तरफ राज्य के प्रमुख डॉक्टर, वकील और शिक्षाविद, और दूसरी तरफ बालू माफिया, शराब माफिया और अपराधी. पीके ने दावा किया कि दशकों में पहली बार बिहार में त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है.
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बिहार चुनाव में तेजस्वी यादव ने राघोपुर विधानसभा सीट से तीसरी बार नामांकन किया है. और, बीजेपी ने फिर से सतीश यादव पर भी भरोसा जताते हुए राघोपुर के मैदान में उतार दिया है - प्रशांत किशोर खुद तो पीछे हट गए, लेकिन तेजस्वी यादव को चैलेंज करने के लिए चंचल सिंह को अपना प्रतिनिधि बनाया है.
बिहार चुनाव के लिए RJD नेता तेजस्वी यादव ने राघोपुर सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. इस दौरान उन्होंने मौजूदा सरकार पर हमला बोलते हुए उसे '20 साल पुरानी खटारा सरकार' बताया और कहा कि अब बिहार बदलाव चाहता है. तेजस्वी ने अपना एजेंडा साफ करते हुए कहा, 'पढ़ाई, दवाई, कमाई, सच्चाई, सुनवाई, कार्रवाई वाली सरकार हमें चाहिए.'
बिहार की राघोपुर विधानसभा सीट पर सियासी घमासान तेज हो गया है, जहां आरजेडी नेता तेजस्वी यादव हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं. बीजेपी ने इस आरजेडी के गढ़ में तेजस्वी को चुनौती देने के लिए एक बार फिर अपने पुराने चेहरे सतीश कुमार यादव पर भरोसा जताया है. यह सीट आरजेडी का मजबूत किला मानी जाती है.
प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा चुनाव न लड़ने का फैसला लिया है. पहले वो नीतीश कुमार के खिलाफ या राघोपुर से तेजस्वी यादव के खिलाफ मैदान में उतरने की बात कर रहे थे, लेकिन कदम पीछे खींच लिया है - क्या प्रशांत किशोर को अपनी जीत का भरोसा नहीं है?
बिहार चुनाव के लिए बीजेपी ने तीसरी लिस्ट में 18 उम्मीदवारों का ऐलान किया है, जिसमें राघोपुर से सतीश यादव चुनाव लड़ेंगे. वहीं, NDA के बड़े चेहरे गुरुवार को नामांकन करेंगे, जिसमें सीएम नीतीश कुमार, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा समेत कई दिग्गज नेता शामिल होंगे.
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार चुनाव के लिए राघोपुर से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह तीसरी बार है जब वह राघोपुर से चुनाव लड़ रहे हैं और उन्हें जनता पर पूरा भरोसा है. तेजस्वी यादव ने अपना संकल्प दोहराते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता हर परिवार को एक सरकारी नौकरी देना और बेरोजगारी को जड़ से मिटाना है.