बिहार के सीवान जिले में स्थित रघुनाथपुर एक सामान्य श्रेणी की विधानसभा सीट है. यह रघुनाथपुर और हुसैनगंज प्रखंडों के साथ-साथ हसनपुरा प्रखंड की पांच ग्राम पंचायतों को शामिल करती है. यह इलाका घाघरा नदी की समृद्ध जलोढ़ समभूमि में स्थित है, जहां कृषि आज भी मुख्य आजीविका का स्रोत बनी हुई है. यहां धान, गेहूं और दालें प्रमुख फसलें हैं, जबकि कई परिवार देश के महानगरों में काम करने वाले प्रवासी सदस्यों से मिलने वाले धन पर भी निर्भर हैं. क्षेत्र की पहचान एक ग्रामीण क्षेत्र के रूप में है, जहाँ छोटे-छोटे बाजार केंद्र फैले हुए हैं.
रघुनाथपुर की दूरी सीवान शहर से लगभग 20 किलोमीटर है, जो सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. छपरा, जो इस क्षेत्र का प्रमंडलीय मुख्यालय है, यहां से करीब 75 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है. वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण नगरीय केंद्र बलिया, जो कि राज्य की सीमा पार है, रघुनाथपुर से 45 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है. राज्य की राजधानी पटना लगभग 150 किलोमीटर दूर है. क्षेत्र की रेल कनेक्टिविटी के लिए सीवान जंक्शन एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में कार्य करता है.
रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई थी और तब से अब तक यहां 17 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. यह सीट सीवान लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. ऐतिहासिक रूप से यह कांग्रेस का गढ़ रहा है, जिसने यहां आठ बार जीत दर्ज की है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस सीट पर अब तक 2015 और 2020 में दो बार लगातार जीत हासिल की है. इसके अलावा प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी, जनता दल, जेडीयू, भाजपा और एक निर्दलीय प्रत्याशी ने भी एक-एक बार इस सीट पर विजय पाई है.
राजद के हरि शंकर यादव ने हाल के दो चुनावों में इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत की है. उन्होंने 2015 में 10,622 वोटों के अंतर से जीत हासिल की, जबकि 2020 में यह अंतर बढ़कर 17,965 हो गया. 2020 की उनकी जीत में एनडीए के घटक दल लोजपा के अलग होने के कारण बने त्रिकोणीय मुकाबले की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही. लोजपा और जेडीयू दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे, जिससे एनडीए का पारंपरिक वोट बैंक बंट गया और इसका लाभ राजद को मिला. दिलचस्प बात यह रही कि जेडीयू तीसरे स्थान पर रहते हुए भी 26,162 वोट हासिल करने में सफल रही, जो राजद की जीत के अंतर से कहीं अधिक था. ट्रेंड के उलट, जहां लोजपा ने जेडीयू को नुकसान पहुंचाया, रघुनाथपुर में जेडीयू ने लोजपा को पीछे धकेला.
2024 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू ने सीवान संसदीय सीट पर 92,000 से अधिक वोटों से जीत हासिल की, लेकिन रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में वह निर्दलीय उम्मीदवार हेना साहब से 3,891 वोटों से पीछे रही. इस परिणाम ने आगामी 2025 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू की दावेदारी को लेकर दबाव बना दिया है.
2020 के विधानसभा चुनाव में रघुनाथपुर में कुल 2,96,780 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें 53.55 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. अनुसूचित जातियों की संख्या लगभग 34,100 (11.49 प्रतिशत), अनुसूचित जनजातियों की 7,479 (2.52 प्रतिशत) और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 68,852 (23.2 प्रतिशत) थी. यादव मतदाताओं की संख्या अनुमानतः 28,490 (9.6 प्रतिशत) थी. 2024 के आम चुनाव तक यह संख्या बढ़कर 3,08,263 हो गई थी, हालांकि चुनाव आयोग ने बताया कि 2020 की सूची से 2,462 नामों को प्रवासन के चलते हटा दिया गया.
लगातार 53 से 55 प्रतिशत के बीच रहने वाला मतदान प्रतिशत यह दर्शाता है कि रघुनाथपुर एक प्रतिस्पर्धात्मक सीट बनी हुई है, जहां पारंपरिक पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला होता है. 2020 में जेडीयू के अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन और 2024 में इस विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के खराब प्रदर्शन ने पार्टी को पुनर्विचार के लिए विवश कर दिया है. 2025 का विधानसभा चुनाव राजद और एनडीए के बीच एक कड़े संघर्ष की ओर संकेत करता है, जहां गठबंधन की रणनीति और मतदाता लामबंदी निर्णायक भूमिका निभा सकती है.
(अजय झा)
Manoj Kumar Singh
LJP
Rajeshwar Chauhan
JD(U)
Vinay Kumar Pandey
BSP
Mohamad Kaif Samir
SDPI
Nota
NOTA
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 121 सीटों पर 1314 उम्मीदवार मैदान में है. पहले चरण की चुनावी लड़ाई भले ही एनडीए बनाम महागठंबधन की हो, लेकिन असल इम्तिहान आरजेडी और जेडीयू की है. इतना ही नहीं तेजस्वी यादव से लेकर सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा की भी अग्निपरीक्षा पहले फेज में है.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि गठबंधन में रहते हुए सीटों का बंटवारा पहले से तय नहीं होता है. लोकसभा चुनाव अलग परिस्थितियों में हुए थे. उन्होंने स्वीकार किया कि NDA और सभी सहयोगियों से हुई गलतियों के कारण कड़ाकाट समेत आस-पास के क्षेत्रों में नतीजे अनुकूल नहीं रहे थे.
सासाराम से राजद उम्मीदवार सत्येंद्र साह को नामांकन के बाद झारखंड के 2004 के डकैती मामले में आरोपी होने के कारण गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस टीम उन्हें झारखंड कोर्ट में पेश करने के लिए अपने साथ ले गई.
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच सासाराम में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रत्याशी सत्येंद्र शाह को उनके नामांकन के ठीक बाद गिरफ्तार कर लिया गया है. यह गिरफ्तारी झारखंड के गढ़वा में 2004 के एक डकैती मामले में जारी वारंट के सिलसिले में हुई है. इस गिरफ्तारी के बाद आरजेडी और उनके समर्थकों में हड़कंप मच गया है, और उन्होंने पुलिस की कार्रवाई का विरोध भी किया.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का चुनावी दंगल तेज़ हो गया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव प्रमुख चेहरे हैं. एनडीए ने महिलाओं को 10-10 हजार रुपये और जीएसटी में राहत जैसे वादे किए हैं, जबकि तेजस्वी यादव हर परिवार को एक सरकारी नौकरी देने के वादे पर कायम हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार में चार दीपावली मनाने का दावा किया है. नीतीश कुमार दसवीं बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाने की कोशिश में हैं, वहीं तेजस्वी यादव, चिराग पासवान और अन्य छोटे दल चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर रहे हैं.
बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर, विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन के आखिरी दिन महागठबंधन में दरार खुलकर सामने आ गई है. तेजस्वी यादव की आरजेडी और कांग्रेस पार्टी नौ सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं, जिससे गठबंधन का भविष्य दांव पर लग गया है.
बिहार विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है और पहले चरण के लिए नाम वापसी की समय सीमा भी खत्म हो गई है, जिससे चुनावी रण की तस्वीर लगभग साफ हो गई है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने 143 उम्मीदवारों की एकतरफा सूची जारी कर दी है, जिससे कांग्रेस समेत अन्य सहयोगी दल नाराज हैं.
राजद ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कई उम्मीदवार घोषित किए हैं. शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब को रघुनाथपुर सीट से टिकट मिला है. उनकी मां हिना शहाब ने पहले लालू और तेजस्वी से मुलाकात कर यह आग्रह किया था. मौजूदा विधायक हरिशंकर यादव ने ओसामा के समर्थन में सीट छोड़ी. अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या ओसामा अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा पाएंगे.
जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर ने आजतक से विशेष बातचीत की. उन्होंने अपनी पार्टी जन सुराज के 51 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की, जिनमें जागृति ठाकुर, विनय कुमार और राहुल कीर्ति सिंह शामिल हैं. प्रशांत किशोर ने बताया कि यह सूची बिहार में व्यवस्था परिवर्तन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर तैयार की गई है. उन्होंने मीडिया को चुनौती दी कि वे जन सुराज के किसी ऐसे उम्मीदवार का नाम बताएं जिसे किसी अन्य दल में टिकट नहीं मिला था.
बिहार विधानसभा चुनाव से खान ब्रदर्स यानि रईस खान की गिरफ्तारी से सिवान की सियासत में हलचल पैदा कर दी है. खान ब्रदर्स उसी सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर कर रहे थे, जहां से शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा और बीजेपी से मनोज सिंह चुनावी किस्मत आजमाने का दावा कर रहे हैं.