बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर मचा बवाल अब खुलकर सामने आ गया है. पूर्णिया के कसबा विधानसभा सीट से टिकट कटने के बाद मौजूदा विधायक अफाक आलम ने पार्टी के शीर्ष नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिया है.
अफाक आलम ने लगाया टिकट बेचने का आरोप
अफाक आलम ने कहा कि कांग्रेस में टिकट बंटवारे की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी नहीं रही. उन्होंने साफ शब्दों में आरोप लगाया कि बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, पार्टी प्रभारी कृष्ण अल्वारु और शकील अहमद खान ने रुपयों की उगाही करके टिकट देने का काम किया है. उनके मुताबिक, 'पैसे लेकर टिकट बांटे गए हैं, और कई योग्य नेताओं को दरकिनार कर दिया गया है.'
उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में कुछ अन्य नेताओं ने भी इसी तरह से लाभ उठाया है, जिसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. अफाक आलम ने मीडिया से कहा, 'कांग्रेस में आज विचारधारा नहीं, पैसा बोल रहा है, जो पैसा दे रहा है, उसे टिकट मिल रहा है. ऐसे में कांग्रेस कैसे जनता के बीच भरोसा बनाए रखेगी?
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लगातार दो बार पूर्णिया के कसबा से चुनाव जीत चुके हैं अफाक आलम
अफाक आलम 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में कसबा सीट से कांग्रेस के टिकट पर विजयी रहे थे, लेकिन इस बार टिकट नहीं दिया गया. पार्टी ने इस सीट से एक नए उम्मीदवार पर भरोसा जताया है. इसके बाद से ही अफाक समर्थकों में नाराजगी बढ़ी हुई है और स्थानीय स्तर पर विरोध के स्वर उठने लगे हैं.
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के भीतर कई अन्य नेता भी टिकट वितरण प्रक्रिया से असंतुष्ट हैं और जल्द ही वो भी खुलकर बोल सकते हैं. बिहार कांग्रेस पहले से ही गुटबाज़ी और अंदरूनी असंतोष से जूझ रही है, और अब अफाक आलम के इस आरोप ने पार्टी की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. पार्टी नेतृत्व की ओर से अब तक इन आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.